पांडेय पिछले 25 साल से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ मैं रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशाला रक्षा जैव-ऊर्जा अनुसंधान संस्थान (डाइबर) में अनुसंधान कार्य कर रहे हैं।
पांडेय को पुरस्कार स्वरूप एक प्रशस्ति पत्र और ₹2 लाख़ की नकद राशि प्रदान की गई।
डॉ हेमंत पांच जड़ी-बूटी उत्पादों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और 7 पेटेंट जमा किए हैं।
हिमालय क्षेत्र में पाई जाने वाली करीब 8 जड़ी बूटियों के मिश्रण से लुकोस्किन दवा बनाई गई है जो सफेद दाग के उपचार में काम आती है और दिल्ली की एमिल फॉर्मस्युटिकल इसकी मार्केटिंग करती है।
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