वायुसेना के लिए 83 तेजस विमानों की खरीद को मंजूरी

रक्षा मंत्रालय के मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने भारतीय वायुसेना के लिए 83 स्वदेशी तेजस जेट विमानों की खरीद को मंजूरी दी है।

इस पर लगभग 48,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे जो सबसे बड़ा स्वदेशी रक्षा खरीद सौदा होगा।

यह सौदा भारतीय रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए अहम माना जा रहा है।

इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने 40 तेजस जेट की खरीद को मंजूरी दी थी। अब देश के पास कुल 123 एडवांस तेजस जेट विमान हो जाएंगे।

यह सौदा हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) से किया गया है।

इन 83 तेजस विमानों में 73 हल्के लड़ाकू विमान लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस MK-1A विमान और 10 तेजस MK-1 प्रशिक्षण विमान शामिल है।

वर्ष 2029 तक सभी 83 विमानों को वायुसेना को सौंपने का लक्ष्य है।

इन 83 विमानों से वायुसेना के कम से कम 6 स्क्वाड्रन बन जाएंगे। एक स्क्वाड्रन में 16 से 18 लड़ाकू विमान होते हैं।

तेजस चौथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों के समूह में सबसे हल्का और सबसे छोटा है।

स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित इस अत्याधुनिक विमान में अत्याधुनिक रडार, बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और air-to-air रिफ्यूलिंग की महत्वपूर्ण परिचालन क्षमताओं से लैस थे।

अभी तेजस के निर्माण में 50 फीसद स्वदेशी सामग्री उपयोग की जा रही है।

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