इसका मकसद शत्रु विमान से संपूर्ण सुरक्षा प्रदान करना है।
इसकी मारक क्षमता 50 से 70 किलोमीटर तक है।
इसका विकास इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आइएआइ) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त रूप से किया है।
एमआरएसएएम का इस्तेमाल भारतीय सेना के तीनों शाखाओं और इजराइल रक्षा बलों (आइडीएफ) द्वारा किया जाएगा।
प्रणाली में उन्नत रडार, कमांड एवं नियंत्रक, मोबाइल लांचर और अत्याधुनिक आरएफ अन्वेषक के साथ इंटरसेप्टर है।
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