प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर और लाल कृष्ण आडवाणी के बाद अब तीन और नेताओं को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा की है। देश के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों- चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव तथा हरित क्रांति के जनक वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा जाएगा।
किसान नेता और पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह
पीएम ने लिखा कि हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।
पूर्व पीएम नरसिम्हा राव का महत्वपूर्ण योगदान
पीएम ने आगे कहा कि एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में नरसिम्हा राव ने विभिन्न क्षमताओं में भारत की बड़े पैमाने पर सेवा की। उन्हें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई वर्षों तक संसद और विधानसभा सदस्य के रूप में किए गए कार्यों के लिए समान रूप से याद किया जाता है।
उनका दूरदर्शी नेतृत्व भारत को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने, देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस नींव रखने में सहायक था। प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव का कार्यकाल महत्वपूर्ण उपायों द्वारा चिह्नित किया गया था जिसने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला।
इसके अलावा भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनका योगदान एक ऐसे नेता के रूप में उनकी बहुमुखी विरासत को रेखांकित करता है, जिन्होंने न केवल महत्वपूर्ण परिवर्तनों के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाया बल्कि इसकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को भी समृद्ध किया।
कृषि में देश को आत्मनिर्भरता बनाने वाले डॉ. स्वामीनाथन
वहीं डॉ. स्वामीनाथन के बारे में घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए।
हम एक अन्वेषक और संरक्षक के रूप में और कई छात्रों के बीच सीखने और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने वाले उनके अमूल्य काम को भी पहचानते हैं।
डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया है बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की है। वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें वे स्वयं करीब से जानते थे और हमेशा उनकी अंतर्दृष्टि और इनपुट को महत्व देते थे।
इससे पहले कर्पूरी ठाकुर और लालकृष्ण आडवाणी को घोषणा
बता दें कि कुछ दिनों पहले बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें