हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अविवाहित महिलाओं को भी उनके 20 से 24 सप्ताह के गर्भ का गर्भपात कराने का अधिकार है, यदि गर्भधारण की वजह सहमति से स्थापित संबंध है।
मुद्दा यह था कि क्या अविवाहित महिलाओं को (जो सहमति से स्थापित संबंध के बाद गर्भवती हुई है) गर्भ की चिकित्सीय समाप्ति कानून के नियम 3B से बाहर रखा जाना वैध है।
नियम 3B में उन महिलाओं की श्रेणियों का उल्लेख है जिनके 20 से 24 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति दी जा सकती है। इसमें केवल विवाहित महिलाएं शामिल थी।
निर्णय में कहा गया है कि महिलाओं को कानूनी गर्भपात कराने से रोकना अनुच्छेद 21 और अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।
आपको बता दें कि इसमें मैरिटल रेप को भी शामिल किया गया है। अर्थात मैरिटल रेप की पीड़ित महिलाएं भी गर्भपात कराने के हकदार हैं।
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