'चांग ई-5' अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण 24 नवंबर को किया गया था। यह दिसंबर की शुरुआत में चांद की सतह पर उतरा था।
चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) ने बताया कि यान के 'एसेंडर' ने नमूने एकत्रित किए और धरती पर लौटने वाले 'आर्बिटर रिटर्न' से 5 दिसंबर को सफलतापूर्वक जुड़ गया है।
अगले चरण में आर्बिटर रिटर्न इस एसेंडर से अलग हो जाएगा और धरती पर लौटने के लिए सही वक्त का इंतजार करेगा।
यदि यह मिशन सफल रहता है तो अमेरिका और पूर्ववर्ती सोवियत संघ के बाद चीन चांद के चट्टानी पत्थर धरती पर लाने वाला तीसरा देश बन जाएगा।
चांद की सतह के नमूने लेकर आने वाला कैप्सूल चीन के उत्तरी हिस्से में स्थित इनर मंगोलिया क्षेत्र में दिसंबर माह के मध्य तक उतरने की संभावना है। इससे पहले चांद की सतह से नमूने 1976 में पूर्ववर्ती सोवियत संघ के लूना 24 द्वारा धरती पर लाए गए थे।
'चांग ई-5' चीन के अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में सबसे अधिक जटिल एवं चुनौतीपूर्ण अभियान है। यह बीते 40 वर्ष से भी अधिक समय से दुनिया का ऐसा पहला अभियान है जिसमें चांद के नमूने धरती पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
चांद पर सर्वेक्षण और नमूने धरती पर लाने के लिए भारत ने भी पिछले वर्ष chandrayaan-2 को चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने का प्रयास किया था, लेकिन उसका प्रयास विफल हो गया।
हालांकि कि भारत जल्द ही chandrayaan-3 को चांद पर भेजने की तैयारी कर रहा है।
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