संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने 'मानव विकास रिपोर्ट, 2025' जारी की

हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने 'मानव विकास रिपोर्ट, 2025' जारी की। यह रिपोर्ट 'ए मैटर ऑफ चॉइसः पीपल एंड पॉसिबिलिटीज इन द एज ऑफ एआई' शीर्षक से जारी की गई है। रिपोर्ट का यह शीर्षक रेखांकित करता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मानव विकास के अगले चरण को दिशा देने में कितनी अहम भूमिका निभा रहा है।


रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजरः

मानव विकास रिपोर्ट, 2025 में विश्व के 193 देशों में आइसलैंड 0.972 अंकों के साथ मानव विकास सूचकांक में पहले स्थान पर है जबकि दक्षिणी सूडान 0.388 अंकों के साथ सबसे निचले पायदान पर है।

इस रैंकिंग में भारत 130वें स्थान पर है। पिछली रिपोर्ट की तुलना में भारत की रैंकिंग में तीन स्थानों का सुधार हुआ है। भारत अभी भी "मध्यम मानव विकास" वाले देशों की श्रेणी में बना हुआ है। भारत का HDI स्कोर 0.685 है।

वैश्विक स्तर पर मानव विकास की प्रगति 1990 के बाद से सबसे धीमी रही है।

निम्न और अत्यंत उच्च HDI रैंकिंग वाले देशों के बीच असमानता लगातार चौथे वर्ष बढ़ी है।

मानव विकास सूचकांक (HDI) एक समग्र सूचकांक है, जो मानव विकास के तीन मूलभूत आयामों में औसत उपलब्धि को मापता है।

ये आयाम हैं- दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन; ज्ञान (नॉलेज) और सम्मानजनक जीवन स्तर ।

जीवन प्रत्याशाः भारत में जीवन प्रत्याशा 2023 में बढ़कर 72 वर्ष हो गई। HDI गणना की शुरुआत के बाद से भारत में यह सबसे अधिक जीवन प्रत्याशा है।

शिक्षाः भारत में स्कूली शिक्षा में व्यतीत की गई औसत अवधि अब 13 वर्ष है। 1990 में यह अवधि 8.2 वर्ष थी।



भारत की प्रगति के बावजूद चुनौतियां

राष्ट्रीय आयः विश्व में भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI) रैंकिंग, HDI रैंकिंग से सात स्थान नीचे है।

असमानताः पुरुषों एवं महिलाओं के बीच असमानताएं (Gender disparities) अब भी अधिक हैं। उदाहरण के लिए - लैंगिक असमानता सूचकांक (GII) में भारत की रैंकिंग 102 वीं है।

भारत की निम्न रैंकिंग प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था अच्छी नहीं होने, राजनीतिक व्यवस्था में महिलाओं का कम प्रतिनिधित्व और कार्यबल में महिलाओं की कम भागीदारी का संकेत देती है।


मानव विकास रिपोर्ट 2025 में AI से जुड़े मुख्य बिंदु

भारत का AI परिदृश्यः मुख्य बिंदु

AI कौशल का विस्तारः भारत में खुद से रिपोर्ट किए गए AI कौशल का विस्तार वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक है।

वैश्विक AI सूचकांकः वैश्विक AI सूचकांक में 36 देशों का मूल्यांकन किया गया। इसमें भारत चौथे स्थान पर है। इस तरह भारत इस सूचकांक में शीर्ष 10 में शामिल एकमात्र निम्न मध्यम आय वाला देश है।

प्रतिभा पलायन को रोकनाः भारत के 20% AI शोधकर्ता अब देश में ही कार्यरत हैं। 2019 में यह अनुपात लगभग शून्य था।

AI के वैश्विक प्रभाव की अपेक्षाएं: AI की वजह से रोजगार की क्षमता और उत्पादकता में वृद्धि (ऑग्मेंटेशन) होगी, साथ ही ऑटोमेशन में भी वृद्धि होगी।

सर्वे में शामिल 61% लोगों ने कहा कि AI से रोजगार की क्षमता और उत्पादकता में वृद्धि होगी, जबकि जबकि 51% लोगों ने ऑटोमेशन में वृद्धि की बात स्वीकार की है।

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