अल्जीरिया आधिकारिक तौर पर न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) का 9वां सदस्य देश बना

हाल ही में, अल्जीरिया आधिकारिक तौर पर न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) का एक नया सदस्य देश बन गया है।

19 मई, 2025 को अल्जीरिया ने न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) के समझौता अनुच्छेदों के प्रावधानों के अनुरूप अपना प्रवेश दस्तावेज (Instrument of Accession) जमा कर दिया।

इसके अलावा, न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) ने स्वच्छ ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रकों को कवर करने वाली 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर की निवेश परियोजनाओं को मंजूरी दी है। साथ ही, NDB की सदस्य संख्या में वृद्धि का भी निर्णय लिया गया है। इससे अन्य देशों के लिए निवेश के अवसर बढ़ेंगे।



न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) के बारे ईमें

  • स्थापना: 2015
  • मुख्यालय: शंघाई (चीन)
  • अध्यक्ष: डिल्मा रूसेफ (Dilma Rousseff)
  • उतपत्ति: NDB की स्थापना के लिए ब्रिक्स (BRICS) के संस्थापक सदस्य देशों ने 15 जुलाई, 2014 को फोर्टलेजा (ब्राजील) में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए थे और बैंक ने 21 जुलाई 2015 को प्रचलन शुरू किया था।
  • उद्देश्य: यह एक बहूपक्षी विकास बैंक है। इसका उद्देश्य उभरते बाजारों और विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाना है।
  • सदस्य: ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, मिश्र और अल्जीरिया।
    • NDB के अनुच्छेद 2 के अनुसार इसकी सदस्यता संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों के लिए खुली है। इसमें ऋण लेने वाले और ऋण न लेने वाले दोनों सदस्य शामिल हैं।
    • उरुग्वे को इसके संभावित सदस्य के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इसे NDB के बोर्ड आफ गवर्नर्स द्वारा मंजूरी दी गई है, लेकिन अपनी इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन जमा करने के बाद इसे आधिकारिक तौर पर सदस्य का दर्जा दिया जाएगा।
  1. पूंजी और शेयरधारिता: इसकी स्थापना 100 बिलियन डॉलर की प्रारंभिक अधिकृत पूंजी से की गई थी। इसके सभी पांच संस्थापक सदस्यों की इसमें कुल 50 बिलियन डॉलर की समान हिस्सेदारी है।
  • मतदान शक्ति: संस्थापक सदस्यों की संयुक्त मतदान शक्ति कम-से-कम 55% होगी।

भारत के लिए NDB का महत्व

2024 तक के आंकड़ों के अनुसार भारत में NDB द्वारा समर्थित 4.87 बिलियन डॉलर मूल्य की लगभग 20 परियोजनाएं चल रही है। इनमें परिवहन, जल संरक्षण आदि शामिल हैं।


अन्य प्रमुख क्षेत्रीय वित्तीय संस्थान

  • एशियाई विकास बैंक (ADB)
    • मुख्यालय: मनिला, फिलिपींस
    • स्थापना: 1966 
    • उद्देश्य: एशियाई और प्रशांत क्षेत्र में सामाजिक एवं आर्थिक विकास। क्षेत्रीय एकीकरण आदि। 
    • सदस्य: 69 (50 एशियाई क्षेत्र से और 19 क्षेत्र के बाहर से)। भारत भी सदस्य हैं।
  • एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (AIIB)
    • मुख्यालय: बीजिंग, चीन 
    • स्थापना: 2016 
    • उद्देश्य: मुख्य रूप से एशिया में वैश्विक पहुंच के साथ संधारणीय अवसंरचना और विकास परियोजनाओं को वित्त पोषित करना 
    • सदस्य: 110 अनुमोदित संपूर्ण (100 पूर्ण + 10 संभावित) सदस्य। भारत एक पूर्ण सदस्य है।
  • अफ्रीकी विकास बैंक (AfDB)
    • मुख्यालय: आबिदजान, कोट डी आइवरी
    • स्थापना: 1964 
    • उद्देश्य: पूरे अफ्रीका में गरीबी उन्मूलन और सामाजिक आर्थिक विकास।
    • सदस्य: 54 अफ्रीकी देश और 27 गैर-अफ्रीकी देश (भारत सहित)।

क्षेत्रीय वित्तीय संस्थाओं का समकालीन महत्व

सतत और समावेशी विकास: NDB सदस्य देशों को उनके सतत और समावेशी विकास में योगदान देता है।
अवसंरचना और निवेश संबंधी अंतराल को भरना: अवसंरचना के लिए दीर्घकालिक वित्त जुटाना, निजी निवेश को बढ़ावा देना और वित्त पोषण की कमी को दूर करना।
क्षेत्रीय एकीकरण और स्थिरता को बढ़ावा देना: सीमा पर सहयोग को सुगम बनाना। उदाहरण के लिए भारत ने NDB और AIIB का संस्थापक सदस्य होने के नाते दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत किया है।

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