हाल ही में, भारत और यूनाइटेड किंगडम ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर किए।
यह एक व्यापक समझौता है, जो लगभग 3 वर्षों की लंबी वार्ता प्रक्रिया के बाद संपन्न हुआ है।
भारत-यूनाइटेड किंगडम FTA की मुख्य विशेषताओं पर एक नजर
टैरिफ का उन्मूलनः भारत को लगभग 99 प्रतिशत टैरिफ लाइन्स पर टैरिफ उन्मूलन से लाभ होगा, यह लगभग 100 प्रतिशत व्यापार मूल्य को कवर करेगा।
वर्तमान में, दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार लगभग 60 बिलियन अमरीकी डॉलर है।
पेशेवरों के आवागमन को आसान बनानाः इसमें निवेशक, राइट टू वर्क के साथ किसी एक देश से दूसरे देश में ट्रांसफर होने वाला कंपनी का कर्मचारी और उसके जीवन-साथी एवं आश्रित बच्चे, इंडिपेंडेंट प्रोफेशनल्स आदि शामिल हैं।
दोहरा अंशदान अभिसमयः यूनाइटेड किंगडम में अस्थायी रूप से कार्यरत भारतीय श्रमिकों और उनके नियोक्ताओं को तीन वर्षों तक यूनाइटेड किंगडम में सामाजिक सुरक्षा अंशदान के भुगतान से छूट प्रदान की गई है।
प्रतिभाशाली और कुशल युवाओं के लिए अवसरः इससे यूनाइटेड किंगडम की डिजिटल रूप से वितरित सेवाओं एवं उन्नत डिजिटल अवसंरचना से लाभ मिलेगा।
निर्यात के अवसरः वस्त्र, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, जूते, इंजीनियरिंग गुड्स, ऑटो पार्ट्स, जैविक रसायन जैसे क्षेत्रकों के लिए निर्यात के अवसर बढ़ने से उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी।
सेवाओं का लाभः जैसे IT/ ITeS, वित्तीय सेवाएं आदि नए अवसर और रोजगार प्रदान करेंगे।
अन्यः गैर-टैरिफ बाधाओं को दूर करना, बेहतर विनियामकीय पद्धतियों को बढ़ावा देना आदि।
मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के बारे में
अर्थः यह एक ऐसा समझौता है, जो देशों या क्षेत्रीय समूहों के बीच व्यापार बाधाओं को कम या समाप्त करता है और व्यापार को बढ़ावा देता है।
वर्तमान में भारत के जापान, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, सिंगापुर, ASEAN, मलेशिया आदि देशों के साथ FTAs हैं।
दायराः यह आमतौर पर वस्तुओं एवं सेवाओं के व्यापार को कवर करता है, लेकिन इसमें बौद्धिक संपदा अधिकार (IP), निवेश, सरकारी खरीद और प्रतिस्पर्धा नीति जैसे विषय भी शामिल हो सकते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें