इसरो (ISRO) गगनयान मिशन को लॉन्च करने का समय बता दिया

हाल ही में, इसरो (ISRO) के प्रमुख ने कहा कि 2027 की पहली तिमाही में गगनयान मिशन को लॉन्च करेगा।

टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन-1 (TV-D1) और पहले मानवरहित टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन की सफल समाप्ति ने आगामी परीक्षण कार्यक्रम के लिए मजबूत आधार तैयार किया है।

दूसरा टेस्ट व्हीकल मिशन (TV-D2) इसके बाद होगा, और फिर मानवरहित ऑर्बिटल उड़ानें होंगी।

पहले मानवरहित मिशन पर महिला रोबोट 'व्योममित्र' (गाइनॉयड) को भेजा जाएगा।


गगनयान मिशन के बारे में

उद्देश्यः गगनयान परियोजना का उद्देश्य मानवयुक्त अंतरिक्ष-उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करना है। इस मिशन के तहत 3 सदस्यों के चालक दल को 400 कि.मी. की ऊंचाई पर स्थित निम्न भू-कक्षा में भेजा जाएगा। इस मिशन की अवधि 3 दिन है। उन्हें सुरक्षित रूप से समुद्र में वापस उतारा जाएगा।


गगनयान मिशन के घटक

प्रक्षेपण यान मार्क-3 (LVM-3): पहले इसे भूतुल्यकालिक प्रक्षेपण यान-मार्क III या GSLV-MK3 कहा जाता था। यह तीन चरणों वाला प्रक्षेपण यान है। ये तीन चरण हैं:

  • पहला चरणः दो ठोस ईंधन बूस्टर कोर रॉकेट से जुड़े होते हैं।
  • दूसरा चरणः इसमें दो विकास-2 तरल ईंधन इंजन होते हैं।
  • तीसरा चरण: इसमें CE-20 क्रायोजेनिक इंजन होता है, जो ईंधन और ऑक्सीडाइज़र के रूप में क्रमशः तरल हाइड्रोजन एवं तरल ऑक्सीजन का उपयोग करता है।

ऑर्बिटल मॉड्यूलः इसका वजन 8.2 टन है और इसे LVM-3 रॉकेट द्वारा निम्न भू-कक्षा में लॉन्च किया जाता है। इसमें दो मुख्य भाग होते हैं:

  1. क्रू मॉड्यूलः

  • इसमें तीन अंतरिक्ष यात्री एक सप्ताह तक रह सकते हैं। 

  • यह पैराशूट सिस्टम से लैस है, जो पृथ्वी पर वापसी के समय सुरक्षित और नियंत्रित लैंडिंग में मदद करता है। 

  • इसमें पर्यावरण नियंत्रण और जीवन रक्षक प्रणाली (ECLSS) होती है। 

  • यह तापमान, हवा की गुणवत्ता, अपशिष्ट और आग पर नियंत्रण रखती है। 

  • इसमें एक क्रू एस्केप सिस्टम होता है, जो रॉकेट लॉन्च के दौरान किसी खराबी की स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद करता है। 

2. सर्विस मॉड्यूलः 

  • यह ऑर्बिटल मॉड्यूल को आगे बढ़ाने के लिए प्रणोदन प्रदान करता है, जब वह रॉकेट से अलग हो जाता है। 

  • यह मॉड्यूल को पृथ्वी की ओर वापस लाने के लिए गति प्रदान करता है।


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