नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड का लक्ष्य निम्नलिखित योगदान से जुड़े विविध व्यक्तित्वों और प्रतिभाओं को सम्मानित करना है:
- भारतकी संवृद्धि और उसकी संस्कृति को बढ़ावा देने वाले;स
- कारात्मक सामाजिक बदलाव लाने वाले; तथा
- डीजीटल क्षेत्र में नवाचार एवं रचनात्मकता को बढ़ावा देने वाले।
यह पुरस्कार MyGov India ने शुरू किया है। इसमें डिजिटल वर्ल्ड के अलग-अलग क्षेत्रों और श्रेणियों में उत्कृष्टता व प्रभाव पैदा करने वाले क्रिएटर्स को पुरस्कार दिया जाएगा।
इन श्रेणियों में स्टोरी टेलिंग, सामाजिक बदलाव का समर्थन, शिक्षा, पर्यावरणीय संधारणीयता इत्यादि शामिल हैं। ये सभी क्रिएटर इकॉनमी का हिस्सा हैं।
क्रिएटर इकोनॉमी उन व्यवसायों, प्लेटफॉर्म्स और व्यक्तियों से मिलकर बने इकोसिस्टम को कहते हैं, जो ऑनलाइन कंटेंट बनाते हैं, वितरण करते हैं और फिर इनका मुद्रीकरण करके राजस्व अर्जित करते हैं।
डिजिटल इंडिया अभियान जैसी पहलों की वजह से कई नए कंटेंट क्रिएटर्स उभरकर आए हैं।
भारत की क्रिएटर इकोनॉमी की स्थिति
एक अनुमान के अनुसार भारत में लगभग 80 मिलियन क्रिएटर्स और नॉलेज प्रोफेशनल्स हैं।
भारत में लगभग 1.5 लाख प्रोफेशनल कंटेंट क्रिएटर्स हैं। ये अपने कंटेंट से अच्छी-खासी आय अर्जित कर रहे हैं।
भारत की क्रिएटर इकोनॉमी का आकार वर्तमान में 250 बिलियन डॉलर है। 2027 तक इसके दोगुना होकर 480 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है।
भारत में क्रिएटर इकोनॉमी के विकास को प्रभावित करने वाले कारक
- कम खर्चे में अधिक डाउनलोड/ अपलोड डेटा उपलब्ध है। इसलिए, अब अधिक लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं।
- इंटरनेट के प्रसार से विश्व भर में कंटेंट देखे जा रहे हैं।
- अब लोग ऑफिस से या वर्क फ्रॉम होम या यात्रा करते समय भी काम रहे हैं। इस तरह काम का हाइब्रिड कल्चर विकसित हो गया है।
- यह सब इंटरनेट की वजह से संभव हुआ है।
- शॉर्ट वीडियो कंटेंट की लोकप्रियता बढ़ गई है आदि।
क्रिएटर इकोनॉमी का महत्त्व
रचनात्मक स्टोरी टेलिंग के माध्यम से भारत के सांस्कृतिक लोकाचार (Ethos) का विश्व भर में प्रसार होता है।
यह मनोरंजन और सामाजिक संदेश से संबंधित असाधारण कंटेंट उपलब्ध कराती है।
वीडियो एडिटर्स, वर्चुअल असिस्टेंट, ग्राफिक डिजाइनर जैसे रोजगार के अवसर को बढ़ाती है।
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