हाल ही, में संयुक्त राष्ट्र ने 'विश्व जल विकास रिपोर्ट, 2024' जारी की है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने में जल की महत्वपूर्ण भूमिका है। हालांकि, "इस बात का कोई निर्णायक सबूत नहीं है कि अगला युद्ध जल के मुद्दे पर होंगे।"
इस वर्ष की रिपोर्ट 'समृद्धि और शांति के लिए जल' विषय पर केंद्रित है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
जल संसाधनों की वर्तमान स्थिति
- कृषि क्षेत्रक लगभग 70% ताजे जल की खपत के लिए जिम्मेदार है। पिछले 60 वर्षों में चाड झील 90% तक सिकुड़ गई है। हालांकि, साझा सतही जल पर सहयोग बढ़ रहा है, लेकिन भूजल संसाधन संरक्षण की अभी भी गंभीर उपेक्षा की जा रही है।
2030 तक "सभी के लिए जल" से संबंधित सतत विकास लक्ष्य (SDG)-6 हासिल करना चुनौतीपूर्ण है। दुनिया की 50% आबादी साल के किसी न किसी समय गंभीर जल संकट का सामना करती है। उत्तर-पश्चिम भारत और उत्तरी चीन खाद्य उत्पादन के लिए पानी की उपलब्धता से संबंधित जोखिमों के मामले में दुनिया के शीर्ष तीन हॉटस्पॉट्स में शामिल हैं।
जल और समृद्धि के बीच विरोधाभास के मौजूद होने से सभी के लिए जल उपलब्ध करा पाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। हम सभी जानते हैं कि विकसित जल संसाधन अवसंरचना से संवृद्धि और समृद्धि को बढ़ावा मिल सकता है। हालांकि, ऐसी अवसंरचना केवल सबसे अमीर देश ही वहन कर सकते हैं।
रिपोर्ट में की गई मुख्य सिफारिशेंः
जल संसाधनों का संधारणीय प्रबंधन निम्नलिखित उपायों द्वारा सुनिश्चित किया जा सकता है:
- सीमा-पार जल समझौते किए जाने चाहिए।
- जल अवसंरचना में निजी निवेश बढ़ाया जाना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार जल तक सार्वभौमिक पहुंच के लिए 2030 तक लगभग 114 बिलियन अमेरिकी डॉलर के वार्षिक निवेश की आवश्यकता होगी।
- उद्योगों में वस्तु उत्पादन को जल संसाधन से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, टाटा केमिकल्स ने पुनर्चक्रण और बेहतर जल प्रबंधन के माध्यम से एक वर्ष के भीतर भूजल के उपयोग में 99.4% की कटौती की।
जल का "शांति और समृद्धि" से संबंध
जल और शांतिः
जल संकट के निम्नलिखित दुष्परिणाम हो सकते हैं-
- स्थानीय विवादों में वृद्धि जैसा कि अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में देखा जा रहा है।
- अधिक प्रवासन से बसाहट वाले क्षेत्रों में तनाव बढ़ सकता है।
- खाद्य असुरक्षा बढ़ सकती है।
जल और समृद्धिः
- जल पर्यावरण को प्राकृतिक रूप में बनाए रखने में मदद करता है।
- निम्न और निम्न मध्यम आय वाले देशों में लगभग 70-80% रोजगार जल पर निर्भर हैं।
- पानी समावेशी विकास के लिए महत्वपूर्ण है। लड़कियां और महिलाएं जल संकट का सामना सबसे पहले करती हैं, क्योंकि यह उनकी शिक्षा, आर्थिक भागीदारी और सुरक्षा को प्रभावित करता है।