श्री पीयूष गोयल ने आज प्लास्टिक विनिर्माण उद्योग से कहा कि वे अगले 5 वर्षों में अपने कुल कारोबार को मौजूदा 3 लाख करोड़ रुपये के से बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखें।
उन्होंने कहा कि भारत में प्लास्टिक मशीनरी के विनिर्माण को बढ़ाने और आयात पर निर्भरता को कम करने में अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, कपड़ा और उपभोक्ता कार्य व खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल देश में प्लास्टिक उद्योग के कामकाज की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने इस क्षेत्र के प्रदर्शन और क्षमता को बेहतर करने के लिए उद्योग के हितधारकों के विचारों और सुझावों को भी सुना।
श्री गोयल ने कहा कि प्लास्टिक उद्योग देश में रोजगार का सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र है। इसलिए उसे अगले पांच साल के दौरान अपने कुल कारोबार में अपेक्षित वृद्धि के साथ-साथ अब रोजगार को भी दोगुना करने का लक्ष्य रखना चाहिए।
श्री गोयल ने प्लास्टिक उद्योग के प्रतिभागियों से कहा कि वे गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें। मंत्री ने कहा कि पुरानी मशीनरी के इस्तेमाल पर निर्भरता आगे बढ़ने की राह नहीं है। कम गुणवत्ता वाली मशीनरी केवल घटिया उत्पादों का उत्पादन करेगी।
वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए सभी प्रकार के उत्पादन के लिए विश्व स्तरीय मशीनरी का उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बीआईएस प्लास्टिक सामग्री की हर संभव बेहतरीन जांच सुनिश्चित करने के लिए जहां भी आवश्यक होगा वहां प्रयोगशालाएं स्थापित करेगा।
श्री गोयल ने कहा कि हम सभी को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि प्रतिस्पर्धा और विकास के लिए एमएसएमई को कच्चे माल की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित हो। एमएसएमई को सभी हितधारकों से अधिकतम समर्थन दिए जाने की आवश्यकता है क्योंकि वे काफी रोजगार पैदा करते हैं और लाखों लोगों की आजीविका में मदद करते हैं।
उन्होंने उद्योग जगत से कहा कि वे भारत में बेहतरीन उत्पादन के लिए अपनी क्षमता बढाएं। इससे भारत के आत्मनिर्भर भारत मिशन को बल मिलेगा।
बैठक में ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एआईपीएमए), फिक्की, सीआईआई, ऑर्गेनाइजेशन ऑफ प्लास्टिक्स प्रॉसेसर्स ऑफ इंडिया (ओपीपीआई), प्रॉसेस प्लांट एंड मशीनरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (पीपीएमएआई), प्लेक्सकॉन्सिल और मेटेरियल रीसाइक्लिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया जैसे पेट्रोकेमिकल और प्लास्टिक क्षेत्र के विभिन्न उद्योग और व्यापार संगठनों के प्रमुखों ने भाग लिया। इसके अलावा भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे।
श्री गोयल ने प्रतिभागियों से कहा कि केंद्र इस क्षेत्र के समग्र और सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है।