विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (विपो)

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन, विपो (World Intellectual Property Organization, WIPO)

परिचय
यह संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है।

स्थापना- 1967 

सदस्य- वर्तमान में 193 राष्ट्र, जिसमें 190 संयुक्त राष्ट्र के सदस्य और कुक द्वीप समूह, होली सी और न्यूए (Niue) शामिल है।

फिलिस्तीन को स्थायी पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है

करीब ढाई हजार NGOs और IGOs को अधिकारी पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।

भारत 1975 में विपो का सदस्य बना।


विपो का इतिहास
1. पेरिस कन्वेंशन- 1883
औद्योगिक संपदा के संरक्षण के लिए उठाया गया यह पहला कदम है।

इसमें आविष्कार, पेटेंट, ट्रेडमार्क एवं इंडस्ट्रियल से जुड़े बौद्धिक संपदा संरक्षण के प्रयास किए गए।

2. बर्न कन्वेंशन- 1886
साहित्यिक और कलात्मक कार्यों का संरक्षण

उपन्यास, लघु कथाओं, नाटक, गाने, ओपेरा, संगीत, ड्राइंग पेंटिंग, मूर्ति कला और वास्तुशिल्प कृतियां

3. मेड्रिड समझौता- 1891
प्रथम अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा फाइलिंग सेवा

4. United International Bureaux (BIRPI)- 1893
बौद्धिक संपदा संरक्षण के लिए

पेरिस और बर्न कन्वेंशन का प्रशासन करने के लिए स्थापित दो सचिवालय को मिलाकर BIRPI की स्थापना हुई।

5. WIPO कन्वेंशन- 1967
1967 में BIRPI बना WIPO

6. संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुआ WIPO- 1974
1974 में WIPO संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी बना


WIPO के कार्य
अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा नियमों को बनाने के लिए एक पॉलिसी के रूप में कार्य करना-

1. बौद्धिक संपदा के नियम बनाना 
2. तकनीकी संरचना 
3. बौद्धिक संपदा अधिकारों की सीमाएं और अपवाद 
4. सहयोग और क्षमता निर्माण 
5. विवादों को सुलझाना


WIPO की महत्वपूर्ण संधियाँ
1. विपो परफॉर्मेंस एंड फोनोग्राम संधि
इसमें विशेषकर डिजिटल माहौल में दो प्रकार के लाभार्थियों को शामिल किया गया। पहले में अभिनेता, अभिनेत्रियों और संगीतकार शामिल हैं। दूसरे में फोनोग्राम निर्माता हैं। इसमें ऐसे लोग या संस्था शामिल हैं जो ध्वनियों का निर्माण करते हैं।

भारत इस संधि को स्वीकार कर चुका है।


2. वुडापेस्ट संधि
पेटेंट प्रक्रियाओं के प्रयोजन के लिए सूक्ष्म जीवों यानि माइक्रो  ऑर्गनिजेम के डिपॉजिट की अंतरराष्ट्रीय मान्यता से जुड़ी है।

भारत इस संधि को भी स्वीकार कर चुका है


3.  मैड्रिड प्रोटोकॉल
एक आवेदन के माध्यम से 1 से अधिक देशों को कवर करने वाले अंतरराष्ट्रीय ट्रेडमार्क पंजीकरण प्रदान करने में ये संधि मददगार है।

भारत ने यह प्रोटोकॉल भी स्वीकार किया हुआ है


4. मराकेश संधि
दृष्टिबाधित और छपे हुए शब्दों को पढ़ने में कठिनाई महसूस करने वाले व्यक्तियों तक कार्यों को पहुंचाने में मदद के लिए 

पुस्तकों के उपलब्ध संस्करणों और अन्य कॉपीराइट कार्यों की सुविधा प्रदान करने के मामले में यह संधि छूट प्रदान करती हैं।

भारत इस संधि का अनुमोदन करने वाला पहला देश है


5. विपो कॉपीराइट संधि
यह बर्न कंवेंशन के तहत की गई एक विशेष समझौता है जो डिजिटल माहौल में लेखकों के कार्यों और उनके अधिकारों का संरक्षण करता है।

भारत इस संधि को भी स्वीकार कर चुका है।


प्रकाशन- ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स ( वैश्विक नवाचार सूचकांक)
इसमें देशों को उनके नवाचार में उनकी क्षमता और सफलता के आधार पर वार्षिक रैंकिंग दी जाती है।

इसका प्रकाशन कार्नेल यूनिवर्सिटी और इंसीड के सहयोग से किया जाता है।

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