समसामयिकी || 26-31 मार्च, 2020

1. पूर्ण बंदी तोड़ने पर 2 साल कैद की सजा
केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि 24 मार्च को जारी पूर्ण बंदी संबंधी कदमों में स्पष्ट उल्लेख है कि इन पाबंदी वाले उपायों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति पर आपदा प्रबंधन कानून, 2005 की धारा 51 से 60 तक के प्रावधानों के तहत और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 के तहत कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। 

आईपीसी के तहत अवरोध उत्पन्न करने वालों को 2 साल तक की जेल हो सकती है और किसी मामले में झूठा दावा करने पर 2 साल की कैद तथा जुर्माने की सजा हो सकती हैं।

आपदा जैसे हालात में धन या संसाधनों के दुरुपयोग पर भी 2 साल कैद तथा जुर्माना हो सकता है।



2. भारत को एक अरब डॉलर का आपातकालीन कोष देगा विश्व बैंक
विश्व बैंक ने करोना वायरस महामारी के मद्देनजर भारत के लिए एक अरब डॉलर के आपातकालीन कोष को मंजूरी दी है। 
निदेशक मंडल द्वारा कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए विकासशील देशों को सहायता परियोजनाओं के पहले चरण के रूप में 1.9 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रावधान किया है, जिसमें 25 देशों की मदद की जाएगी, और त्वरित प्रक्रिया के जरिए 40 देशों में नए अभियान शुरू किया जाएगा।

आपातकालीन सहायता का सबसे बड़ा हिस्सा (एक अरब डॉलर) भारत को मिला है। जबकि पाकिस्तान को 20 करोड़ डॉलर, अफगानिस्तान को 10 करोड़ डॉलर, मालद्वीप को 73 लाख डॉलर और श्रीलंका को 12.86 करोड़ डॉलर की मंजूरी मिली है।

भारत को यह सहायता बेहतर ढंग से जांच, निजी सुरक्षा उपकरणों की खरीदारी और नई पृथक इकाइयों की स्थापना के लिए दी गई है। 



3. भारत की वृद्धि दर 2020 में 1.9 फीसद : आइएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत की सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी वृद्धि दर 2020 में 1.9 फीसद रहने का अनुमान जताया है।

आईएमएफ के अनुसार कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियां ठप होने से वैश्विक अर्थव्यवस्था भीषण मंदी की ओर बढ़ गई है। यह 1930 में आई मंदी के बाद सबसे बड़ी मंदी है।


4. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (राज्य कानूनों का अनुकूलन) आदेश -2020
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के मूल निवासियों के संबंध में 'जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (राज्य कानूनों का अनुकूलन) आदेश 2020' शीर्षक से एक अधिसूचना जारी किया है।

अधिसूचना के मुताबिक 'कोई भी व्यक्ति जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के तहत किसी भी पद पर (सरकारी नौकरी के मामले में) नियुक्ति के लिए अर्हताओं को पूरा करता हो, वह जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए।

अधिसूचना के एक हिस्से संशोधित जम्मू कश्मीर सिविल सेवा (विकेंद्रीकरण एवं नियुक्ति) में कहा गया, जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का मूल निवासी नहीं होने पर कोई व्यक्ति किसी भी पद पर नियुक्ति का पात्र नहीं होगा।

मूल निवासी कौन
नए कानून के अनुसार जम्मू कश्मीर का मूल निवासी वे लोग  माने जाएंगे जो वहां कम से कम 15 साल तक रहा हो। 

7 साल तक पढ़ाई करने वाला और किसी शैक्षणिक संस्था में 10वीं एवं 12वीं कक्षाओं की परीक्षा देने वाला कोई भी व्यक्ति मूल निवासी है।

राहत और पुनर्वास आयुक्त (प्रवासी) द्वारा प्रवासियों के रूप में पंजीकृत व्यक्ति को भी मूल निवासी माना जाएगा।

राज्य में 10 साल तक सेवाएं दे चुके नौकरशाहों (अखिल भारतीय सेवाओं के) बच्चे भी इस श्रेणी में आएंगे।

केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों, अखिल भारतीय सेवाओं, सार्वजनिक उपक्रम और केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्त इकाइयों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, वैधानिक इकाइयों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अधिकारियों और केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त शोध संस्थाओं के अधिकारियों के बच्चे भी इस श्रेणी में आएंगे बशर्ते इन अधिकारियों ने जम्मू कश्मीर में 10 साल से अधिक नौकरी की हो।

उपरोक्त चारों में से किसी भी शर्त को पूरा करने वाले या जम्मू कश्मीर के ऐसे बाशिंदों के बच्चे, जो अपने रोजगार, कारोबार या पेशेवर या व्यावसायिक कारणों से इस केंद्र शासित प्रदेश के बाहर रहते हैं लेकिन उनके माता-पिता इस उपखंड के किसी भी शर्त को पूरा करते हैं, तो भी वे इस केंद्र शासित प्रदेश के निवासी समझे जाएंग

अन्य तथ्य
सरकार जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (राज्य कानूनों का अनुकूलन) आदेश-2020 से पूर्व जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (राज्य कानूनों का अंगीकार) आदेश-2020 जारी की थी जिसमें पूर्वर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के 138 कानूनों की समीक्षा, संशोधन और निरीक्षण किया गया। 138 कानूनों में से 28 को निरस्त कर दिया गया है।


5. इराक के तीसरे प्रधानमंत्री मनोनीत
इराक के राष्ट्रपति बरहम साहेल ने खुफिया प्रमुख मुस्तफा काधेमी को इस साल देश का तीसरा प्रधानमंत्री मनोनीत किया है।


6. एशिया की आर्थिक वृद्धि दर शून्य रहने की आशंका है: आइएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 'कोविड-19 महामारी एशिया-प्रशांत क्षेत्र : 1960 के दशक के बाद की सबसे कम वृद्धि दर' शीर्षक से एक ब्लॉग लिखा है।

इस ब्लॉक के अनुसार '2020 में एशिया की वृद्धि दर शून्य रहने की आशंका है। एशिया की आर्थिक वृद्धि दर वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान 4.7 फीसद और एशियाई वित्तीय संकट के दौरान 1.3 फीसद थी। शून्य वृद्धि दर करीब 60 साल की सबसे खराब स्थिति होगी।

इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3 फीसद गिरावट की आशंका है जबकि अमेरिका और यूरोप में क्रमशः 6 फीसद और 6.6 फीसद गिरावट के अनुमान है।

चीन ने पिछले वित्तीय संकट के दौरान 8 फीसद के बराबर के राहत उपाय किए थे, जिसके कारण 2009 में चीन की आर्थिक वृद्धि दर मामूली असर के बाद 9.4 फीसद थी। किंतु इस बार उन राहत उपायों की उम्मीद नहीं है। चीन 2009 की तरह इस संकट में एशिया की वृद्धि दर को सहारा देने की स्थिति में नहीं है। इस साल चीन की आर्थिक वृद्धि दर 1.2 फीसद रहने की आशंका है जो 2019 में 6.1 फीसद थी।


7.  अंतर्राष्ट्रीय किसान दिवस
17 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है।


8.  रोहित 'क्रिककिंगडम' के ब्रांड दूत बने
रोहित शर्मा को दुबई स्थित क्रिकेट अकादमी 'क्रिककिंगडम का ब्रांड दूत बनाया गया है।
 क्रिककिंगडम क्रिकेट से संबंधित एक समृद्ध प्रशिक्षण अनुभव प्रदान करने के लिए संरचित प्रशिक्षण अकादमी (कोचिंग) है।


9. प्लाज्मा टेस्ट
केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार कोरोना संक्रमण के मरीजों को बचाने के लिए प्लाज्मा टेस्ट को मंजूरी दे दी है।

 प्लाज्मा टेस्ट
इस तकनीकी ने जिस मरीज को एक बार कोरोना हो जाता है और बाद में जब वह ठीक होता है तो उसके शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह मरीज को ठीक होने में मदद करती है।

ऐसा व्यक्ति जो कोरोना से ठीक हो गया है, वह रक्तदान करता है। उसके खून से प्लाज्मा निकाला जाता है और उस प्लाज्मा को किसी दूसरे मरीज में डाल दिया जाता है जो बीमार है।हालांकि अभी यह ट्रायल के रूप में चल रहा है।


10. दीक्षा पोर्टल
'दीक्षा प्लेटफार्म' मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया है।
इस प्लेटफार्म पर कोरोना के प्रबंधन के लिए 'इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग (आइगॉट) नामक प्रशिक्षण मॉड्यूल शुरू किया  है।

पोर्टल का उद्देश्य कोरोना महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए अग्रिम पंक्ति में तैनात लोगों की क्षमताओं को बढ़ाना है।




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

उत्तर प्रदेश पीसीएस 2024 की प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने की आयोग के फैसले के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों ने मचाया बवाल

उत्तर प्रदेश PCS 2024 की प्रारंभिक परीक्षा और RO/ ARO 2023 की प्रारंभिक परीक्षा एक की बजाय दो दिन में कराने के UPPSC के फैसले को लेकर मचे बव...