शक्ति दुबे (Shakti Dubey), संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा 2024 में ऑल इंडिया रैंक 1 प्राप्त कर अपने माता-पिता को गौरवान्वित किया

 प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) की निवासी शक्ति दुबे (Shakti Dubey) ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा 2024 में ऑल इंडिया रैंक वन प्राप्त कर देशभर में सुर्ख़ियों में आ गई है। उनकी सफलता की कहानी समर्पण, धैर्य और निरंतर प्रयास का प्रतीक है।

      तो आईए जानते हैं कि शक्ति दुबे की शैक्षणिक पृष्ठभूमि क्या रही,  उन्होंने यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी कैसे की, साथ ही उनकी फैमिली पृष्ठभूमि कैसा रहा, और भी बहुत कुछ विस्तृत में जानेंगे।



शैक्षणिक पृष्ठभूमि

  • स्कूलिंग: प्रयागराज में प्रारंभिक शिक्षा।
  • स्नातक: इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बायोकैमेस्ट्री में बी.एससी.। 
  • स्नातकोत्तर: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से बायोकैमेस्ट्री में एम.एससी. (2018 में पूर्ण)।
हालांकि उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि विज्ञान में थी, लेकिन UPSC की तैयारी के दौरान उन्होंने "राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध" (PSIR) को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना।



UPSC यात्रा और रणनीति

  • तैयारी अवधि: लगभग 7 वर्षों तक निरंतर तैयारी। 
  • प्रयासों की संख्या: पांचवें प्रयास में सफलता प्राप्त की।
  • उम्र: लगभग 30 वर्ष।
  • कोचिंग: बाजीराव और और रवि संस्थान से जनरल स्टडीज, मेन्स टेस्ट सीरीज और इंटरव्यू गाइडेंस प्रोगाम में भाग लिया।

शक्ति ने बताया कि BHU में पढ़ाई के दौरान नीति-निर्माण और सार्वजनिक सेवा में उनकी रुचि बढ़ी। एक घटना, जब उन्होंने रात में एक पुलिस पेट्रोल वैन को देखकर सुरक्षा का अनुभव किया, ने उन्हें प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया।

शक्ति दुबे की सफलता के पीछे एक ठोस रणनीति और समर्पित अध्ययन योजना थी। UPSC जैसी कठिन परीक्षा के लिए उन्होंने एक लंबी, निरंतर और रणनीतिक तैयारी की। आइए उनकी रणनीति और अध्ययन सामग्री (Study Resources) को बारीकी से समझते हैं:

UPSC तयारी रणनीति

  1. विषय का गहन चयन
    • वैकल्पिक विषय (Optional): राजनीति विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध (PSIR)
    • कारण: उन्होंने महसूस किया कि यह विषय उनके सोचने के तरीके से मेल खाता है और इसमें उनका व्यक्तिगत रुझान भी था। 
  2. साप्ताहिक लक्ष्य निर्धारण 
    • उन्होंने लंबी योजनाओं की बजाय साप्ताहिक लक्ष्य बनाएं, जिससे निरंतरता बनी रही और डेडलाइन का दबाव कम हुआ।
  3. पिछले वर्षों के प्रयासों का विश्लेषण
    • हर विषय के लिए पिछले 10 वर्षों के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण किया।
    • इससे उन्हें ट्रेंड समझने में मदद मिली।
  4. उत्तर लेखन अभ्यास 
    • दैनिक उत्तर लेखन किया (मेन्स के लिए खास)।
    • Vajiram & Ravi और Forum IAS की टेस्ट सीरीज से अभ्यास किया।
    • उन्होंने यह माना कि उत्तर लेखन की गुणवत्ता बढ़ाने से ही Mains में सफलता संभव है।
  5. करंट अफेयर्स की तैयारी
    • नियमित रूप से The Hindu और Indian Express पढ़ा। 
    • इसके अलावा, उन्होंने Vision IAS और Insights IAS के डेली करंट अफेयर्स का भी अध्ययन किया।
    • करंट अफेयर्स को स्टैटिक टॉपिक से जोड़कर पढ़ना उनकी खास रणनीति थी।

अध्ययन सामग्री (Study Redources)

  • इतिहास (Modern) : Specturm by Rajiv Ahir
  • भूगोल : NCERTs (6-12), GC Leong
  • अर्थव्यवस्था : Sriram IAS Notes, Mrunal.org
  • विज्ञान व तकनीक : PIB, Newspapers, Vision IAS Notes
  • पर्यावरण : Shankar IAS Book, Current Affairs
  • भारतीय राजनीति : Laxmikanth (Bible for Polity)
  • करेंट अफ़ेयर्स : The Hindu, Vision Monthly, Insights
  • वैकल्पिक विषय (PSIR), पेपर-1 : IGNOU Notes, Subhra Rajan Ma'am की Class Notes
  • वैकल्पिक विषय (PSIR), पेपर-2 : International Relation के लिए Rajiv Sikari और Articles from ORF & IDSA

टाइम मैनेजमेंट और मोटिवेशन

  • सुबह जल्दी उठना और दिन के हिसाब से शेड्यूल बनाना।
  • रिवीजन के लिए संडे को फिक्स किया था।
  • जब थकान या निराशा होती थी तो प्रेरणा के लिए खुद की प्रगति की तुलना पुराने समय से करती थी।


पारिवारिक पृष्ठभूमि

शक्ति दुबे का जन्म और पालन पोषण प्रयागराज के नैनी क्षेत्र के सोमेश्वर नगर कॉलोनी में हुआ। उनके माता-पिता शिक्षण क्षेत्र से जुड़े हैं, जिन्होंने उन्हें मेहनत और ईमानदारी के मूल्य सिखाएं। उनके पिता उत्तर प्रदेश पुलिस में एक इंस्पेक्टर है।


प्रेरणादायक संदेश

एक साक्षात्कार में शक्ति ने साझा किया कि पिछले प्रयास में कटऑफ से 15 अंक कम रहने के बाद वह निराश थी। लेकिन उनके भाई ने उन्हें प्रेरित किया और कहा, "भगवान ने तुम्हें रैंक वन के लिए बचा कर रखा है।" 

       दुबे अपनी इस कठिन यात्रा के अनुभव को कुछ इस प्रकार मंत्रों में पिरोया है:

" हर असफल प्रयास में सुधार की संभावना होती है। परीक्षा सिर्फ ज्ञान की नहीं मानसिक संतुलन की भी परीक्षा होती है।" - शक्ति दुबे


निष्कर्ष

शक्ति दुबे की सफलता की कहानी उन सभी UPSC अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा है जो लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनकी यात्रा यह सिद्ध करती है कि समर्पण, सही रणनीति और आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

पहलगाम आतंकी हमला और भारत के प्रधानमंत्री मोदी की बिहार की रैली में दिए गए चेतावनी से उपजे सवालों का अभी तक जवाब नहीं मिला

हाल ही में, भारत के केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में एक बहस के दौरान बताया कि भारतीय सेना के एक संयुक्त अभियान (ऑपरेशन महादेव) में त...